डीएवी महाविद्यालय के नवनियुक्त प्राचार्य प्रो.कौशल कुमार ने विधिवत रूप से प्राचार्य रहे प्रो.सुनील कुमार से कार्यभार किया ग्रहण

देहरादूनडीएवी महाविद्यालय, देहरादून में प्रो. कौशल कुमार ने आज विधिवत रूप से डीएवी कॉलेज देहरादून के प्राचार्य पद पर कार्यभार ग्रहण कर लिया।महाविद्यालय प्राचार्य कार्यालय में प्रो. कौशल कुमार ने बृहस्पतिवार को पूर्व प्राचार्य रहे प्रो. सुनील कुमार से कार्यभार ग्रहण किया। कॉलेज के प्राचार्य कार्यालय में प्रो कौशल कुमार को बधाई देने वालों का दिन भर तांता लगा रहा। उन्हें बधाई देने वालों में महाविद्यालय के डीन विज्ञान एवं उप प्राचार्य प्रो. एस. पी. जोशी, डीन वाणिज्य संकाय प्रो. जी.पी.डंग एवं डीन कला संकाय प्रो.देवना जिंदल सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्षों तथा शिक्षकों द्वारा बधाईयां दी गईं।डीएवी के नए प्राचार्य एक बहुआयामी व्यक्तित्व के साथ साथ 36 वर्षों से शिक्षक के रूप में शिक्षण और शोध कार्यों का अनुभव रखते है।डीएवी महाविद्यालय में मूल रूप से वाणिज्य विभाग के शिक्षक के रूप में उन्होंने 1989 में सेवा शुरू की थी। 2012 से 2015 तक वे महाविद्यालय में मुख्य नियंता भी रह चुके हैं,इससे पूर्व भी वे 18 वर्षों तक प्रॉक्टर तथा 9 वर्ष डिप्टी प्रॉक्टर के रूप में सफलतम कार्य कर चुके हैं। परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में अतिरिक्त परीक्षा नियंत्रक की तरह 2 वर्षों, वर्तमान में भी परीक्षा नियंत्रक टीम में कार्यरत होने तथा क्रीड़ा समिति में 9 वर्षों तक विभिन्न जिम्मेदारियों को निभाने का विशेष अनुभव भी उन्हें प्राप्त है। बताते चलें कि वर्तमान समय में ऐसा एक विशेष गौरव प्रो कौशल कुमार को प्राप्त हुआ है, जिन्होंने वर्तमान में डीएवी कॉलेज के शिक्षक संघ के अध्यक्ष रहते हुए प्राचार्य पद की जिम्मेदारी संभाली है। अन्य क्षेत्रों में भी प्रो.कौशल कुमार महत्वपूर्ण पदों पर रहकर उनको संभलने में सफल रहे हैं lप्राचार्य पद संभालने के उपलक्ष्य में महाविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल तथा सचिव सुमित कुमार सहित बड़ी संख्या में छात्रों एवं विभिन्न छात्र संगठनों के छात्र नेताओं ने उन्हें बधाई दी। साथ ही महाविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के संघ के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी हैं।इस अवसर पर प्राचार्य के रूप में जिम्मेदारी संभालने के अवसर पर प्रो.कौशल ने कहा है कि उन्होंने हमेशा दिए गए दायित्व को निभाने में पूर्ण रूप से अपना सबसे देने ने कभी कोताही नहीं की है, प्राचार्य के दायित्व को भी वे पूर्ण रूप से शिक्षक और छात्रों के बीच समन्वय बनाते हुए समर्पित रूप से कार्य करेंगे। कॉलेज के गौरवशाली इतिहास को आगे बढ़ाने का कार्य किया जायेगा।

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