कर्नाटक में एक बार फिर भाषा विवाद गर्मा रहा है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी भी ‘60% कन्नड़ भाषा’ के फैसले के समर्थन में आ गए हैं। हालांकि, उन्होंने हिंसा की निंदा भी की है। बुधवार को राजधानी बेंगलुर में कई स्थानों पर प्रतिष्ठानों पर मौजूद अंग्रेजी साइनबोर्ड्स को निशाना बनाया गया। प्रदर्शनकारियों के कई वीडियो भी वायरल हुए थे।
बेंगलुरु ब्रुहट महानगरपालिका यानी BBMP ने आदेश जारी किए थे कि प्रतिष्ठानों पर मौजूद साइनबोर्ड्स पर 60 फीसदी कन्नड़ भाषा होना चाहिए। साथ ही कहा गया था कि इसका पालन नहीं करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा कारोबारी का लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। हालांकि, इसके लिए BBMP ने फरवरी 2024 तक का समय दिया था।
एनडीटीवी से बातचीत के दौरान जोशी ने कहा, ‘सभी को साइन पढ़ने में आने चाहिए और सभी लोग अंग्रेजी नहीं पढ़ सकते हैं। अंग्रेजी या हिंदी जैसी किसी अन्य भाषा के साथ कन्नड़ में लिखने में क्या नुकसान है? यह इंग्लैंड तो नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘अगर कोई हिंसा हुई है, तो इसकी बिल्कुल अनुमति नहीं है, लेकिन इन लोगों (दुकानदारों) को भी भावनाओं और जरूरत को समझना चाहिए।’