देहरादून
उत्तराखंड की राजधानी दून के बीचोबीच से गुजरती बरसाती नदी रिस्पना के किनारे स्थित 27 मलिन बस्तियों के 560 मकानों पर ध्वस्तीकरण की तलवार लटक गई है।
हाई कोर्ट के निर्देश पर दून नगर निगम द्वारा अवैध निर्माण को लेकर सर्वे पूरा कर लिया गया है।
रिस्पना के किनारे वर्ष 2016 के बाद किए गए निर्माण अवैध घोषित किए गए हैं,चिह्नित भवनों के स्वामियों को जल्द ही नोटिस जारी किए जाएंगे और फिर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी की जा सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार
देहरादून नगर निगम क्षेत्र में स्थित कुल 129 बस्तियों को चिह्नित किया गया है, जिनमें लगभग 40 हजार भवन मोजूद होने का अनुमान है। हालांकि, वर्ष-2016 के बाद किए गए निर्माण को नियमानुसार अवैध करार दिया गया हैं। किसी प्रकार की कोई रोक- टोक न होने के कारण शहर के विभिन्न क्षेत्रों में अवैध रूप से बस्तियों का विस्तार कर दिया गया। हाई कोर्ट के आदेश पर नगर निगम द्वारा बस्तियों में वर्ष-2016 के बाद बने अवैध भवनों का सर्वे किया गया। सर्वे के प्रथम चरण में रिस्पना नदी के किनारे स्थित 27 बस्तियों में 560 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए हैं।