देहरादून/उत्तरकाशी
उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता हैजो कि ऐसे ही नहीं कहा जाता रहा है, वास्तव में यहां कण कण में देवी देवताओं का वास है और इसीलिए यहां सबका अटूट श्रद्धा और विश्वास है, यहां समय समय पर चमत्कार और देवीय शक्तियां भी देखनें को मिलती रही है।
सचमुच रविवार को एक धार्मिक कार्यक्रम में अद्भुत चमत्कार हुआ,जिसको देखने वालो के रोंगटे खड़े हो गए।
प्राप्त घटनाक्रम के अनुसार रविवार को उत्तरकाशी के सरनोल गांव में जहां पांडव लीला का आयोजन किया गया था। आयोजन के दौरान नाचते हुए पशवा देवता ने अचानक प्रकट हुए नागराज को अपने गले में डाल लिया। भक्तो के बीच अचानक पश्वा के हाथ में नागराज को देख भक्त चौंक गए लेकिन पश्वा उसको अपने हाथ में लेकर भक्तों को आर्शीवाद देने लगे।नागराज के आर्शीवाद लेने के लिए भक्तों में उत्साह नजर आया और फिर पूरे क्षेत्र में यह चर्चा का विषय बन गया।
यह जहरीला सांप देवता के पश्वा ने सांप को गले में डालकर घंटों तक नृत्य किया। बाद में आर्शीवाद देने के बाद नागराजा को श्रृद्धालुओं ने दूध पिला कर जंगल में छोड़ दिया।